कांग्रेसियों के अवैध निर्माण छोड़कर कार्यवाही कर रही है सरकार : राकेश सिंह
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कांग्रेस जिस दिशा में प्रदेश को ले जा रही वह जनता के हित में नहीं
भोपाल। प्रदेश की कांग्रेस सरकार माफिया उन्मूलन और अतिक्रमण के नाम पर कांग्रेसियों के अवैध निर्माणों को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं पर चुन-चुनकर कार्यवाही कर रही है। पार्टी इस मुहिम के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सरकार भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ज्यादती कर रही है। गांधी नगर में भाजपा की पार्षद का मकान और दुकान का पट्टा और न्यायालय का स्टे आदेश दिखाने के बाद भी कार्यवाही की गई। जबकि वहीं पर कांग्रेस नेता का भी मकान है, उसको तोड़ा नहीं गया। कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में कॉलोनियां बनी हैं लेकिन उन पर सरकार उंगली नहीं उठा रहीं है। यह सरकार जिस दिशा में प्रदेश को ले जा रही है वह जनता के हित में नहीं है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कही।
राज्यपाल से मिलकर अत्याचार के खिलाफ अवगत करायेंगे
श्री राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसी कार्यवाहियों को नहीं रोका गया तो भारतीय जनता पार्टी सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी को प्रदेश कार्यालय में होने वाली बैठक में सरकार के खिलाफ रणनीति तैयार कर सड़कों पर उतरेगी। श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार अब ऐसी मुहिम चलाएगी तो भाजपा सड़कों पर उतरकर उनके सामने खड़ी होगी। साथ ही राज्यपाल जी से मुलाकात कर उनको घटना की जानकारी भी दी जायेगी।
अधिकारियों को मोहरा बनाकर सीएए के विरोध में वातावरण निर्माण की कोशिश
श्री राकेश सिंह ने कहा कि देश में सोच समझकर संविधान की रचना की है। बाबा साहब ने जब संविधान बनाया तो समाज के प्रत्येक वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया। यदि कोई कानून बन जाता है तो उसका पालन करने की बाध्यता सामान्य व्यक्ति, अधिकारी-कर्मचारी एवं मुख्यमंत्री की भी होती है। नागरिकता संशोधन कानून बन गया है और राजपत्र में प्रकाशित हो गया तो उसको मानना सबका कर्त्तव्य है। मंडला कलेक्टर जगदीश जटिया द्वारा यह कृत्य लोकसेवा आचरण संहिता का खुला उल्लंघन है। सीएए राजपत्र में प्रकाशित हो चुका है, उसके बारे में कलेक्टर द्वारा टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कलेक्टर पर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा गया है। लेकिन कमलनाथ सरकार अधिकारियों को मोहरा बनाकर सीएए के विरोध में वातावरण निर्माण करने की कोशिश कर रही है।